SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

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. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।

There isn't any a single as generous when you, Your devotees usually praise and serve you. The Vedas sing your divine glory, The unfathomable and timeless insider secrets are over and above comprehension.

अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम more info करावे ॥

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

The figured out kinds notice the Trayodashi (thirteenth lunar day) speedy, They meditate and accomplish the sacred fireplace ceremony. They observe the Trayodashi rapidly routinely, In order that their bodies keep on being totally free from afflictions.

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

In occasions for example these wherever daily life has grown to be so rapidly that we hardly come across time for you to pray, Shiva Chalisa comes for a blessing for all of us.

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